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रामप्रसाद बिस्मिल सुनियोजित काकोरी षड्यंत्र के पीछे मास्टरमाइंड थे, हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के मुख्य नेता चंद्रशेखर आज़ाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह, रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी हैं kakori Shaurya Gatha train action mahotsav9
kakori Shaurya Gatha train action mahotsav9 डकैती की योजना राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खान ने बनाई थी। इसे बिस्मिल, खान, चन्द्रशेखर आजाद, राजेंद्र लाहिड़ी, शचींद्र बख्शी, केशव चक्रवर्ती, मुरारी लाल खन्ना (गुप्ता), बनवारी लाल, मुकुंदी लाल गुप्ता और मन्मथनाथ गुप्ता ने अंजाम दिया था।
1. **स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक:** काकोरी कांड भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने भारतीय युवाओं को स्वतंत्रता के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।
2. **क्रांतिकारी संगठन:** इस घटना में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस संगठन का उद्देश्य अंग्रेजों से आजादी प्राप्त करना था। kakori Shaurya Gatha train action mahotsav9
3. **साहस और बलिदान:** 9 अगस्त 1925 को राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी और उनके साथी क्रांतिकारियों ने साहस का परिचय देते हुए ब्रिटिश खजाने को लूटने का प्रयास किया, ताकि स्वतंत्रता संग्राम के लिए धन जुटाया जा सके।
4. **योजना:** काकोरी कांड की योजना क्रांतिकारियों ने बड़े ही सुनियोजित ढंग से बनाई थी। उन्हें यह विश्वास था कि ब्रिटिश खजाना लूटने से उन्हें आवश्यक धन मिलेगा, जिससे वे हथियार और अन्य संसाधन जुटा सकेंगे।
5. **सफलता और विफलता:** इस घटना में क्रांतिकारियों ने ट्रेन लूटने में सफलता प्राप्त की, लेकिन बाद में उन्हें पकड़ लिया गया। इससे क्रांतिकारियों की गतिविधियों पर ब्रिटिश हुकूमत का ध्यान गया।
6. **अदालत में साहस:** इस कांड के बाद पकड़े गए क्रांतिकारियों ने अदालत में साहस का परिचय देते हुए अपने कार्य को सही ठहराया और ब्रिटिश शासन का विरोध किया। kakori Shaurya Gatha train action mahotsav9
7. **फांसी की सजा:** इस घटना में शामिल कई क्रांतिकारियों को ब्रिटिश सरकार ने फांसी की सजा दी, जिसमें राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी प्रमुख थे।
8. **देशभक्ति का परिचय:** काकोरी कांड ने पूरे देश में क्रांतिकारियों के प्रति सम्मान और समर्थन की भावना को प्रबल किया। लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम के महत्व को समझा और इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित हुए।
9. **राष्ट्रीय चेतना:** इस घटना ने भारत के युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का संचार किया और उन्हें यह सिखाया कि स्वतंत्रता केवल बातचीत से नहीं, बल्कि संघर्ष और बलिदान से प्राप्त की जा सकती है। kakori Shaurya Gatha train action mahotsav9
10. **इतिहास में अमर:** काकोरी कांड भारतीय इतिहास में एक अमर घटना है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी पक्ष को प्रबल किया और आज भी यह घटना हमें देशभक्ति और साहस की प्रेरणा देती है।
काकोरी कांड भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक ऐसा अध्याय है, जिसने न केवल ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी, बल्कि पूरे भारत में स्वतंत्रता की ज्वाला को और अधिक प्रज्वलित किया। kakori Shaurya Gatha train action mahotsav9
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने अपनी शानदार यात्रा को आगे बढ़ाया है। भारत अगले 2 वर्षों में देश की तीसरी सबसे बड़ी महाशक्ति बनने जा रहा है। समतामूलक समाज की स्थापना के लिए वोकल फॉर लोकल जैसे मूल्यों पर आगे बढ़ना होगा। दुनिया की कोई ताकत भारत का रास्ता नहीं रोक सकती। यही समय है, सही समय है। 1942 में 9 अगस्त, यानी आज के दिन ही महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज किया था। आज हर शहीद स्मारक पर राष्ट्र धुन के साथ विभिन्न बैंड की धुन बजेगी। हर घर तिरंगा अभियान चलेगा, जिसमें हर घर तिरंगा फहराया जाएगा।
काकोरी ट्रेन डकैती के पीछे मास्टरमाइंड रामप्रसाद बिस्मिल थे। अन्य सदस्यों में अशफाकउल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी, चंद्रशेखर आज़ाद, सचिंद्र बख्शी, केशव चक्रवर्ती आदि शामिल थे। यह डकैती लखनऊ से लगभग 10 मील (16 किमी) उत्तर-पश्चिम में काकोरी शहर में हुई थी। kakori Shaurya Gatha train action mahotsav9
काकोरी कांड भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने भारतीय युवाओं को स्वतंत्रता के लिए लड़ने की प्रेरणा दी।
क्रांतिकारी संगठन: इस घटना में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इस संगठन का उद्देश्य अंग्रेजों से आजादी प्राप्त करना था।
साहस और बलिदान: 9 अगस्त 1925 को राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी और उनके साथी क्रांतिकारियों ने साहस का परिचय देते हुए ब्रिटिश खजाने को लूटने का प्रयास किया, ताकि स्वतंत्रता संग्राम के लिए धन जुटाया जा सके।
योजना: काकोरी कांड की योजना क्रांतिकारियों ने बड़े ही सुनियोजित ढंग से बनाई थी। उन्हें यह विश्वास था कि ब्रिटिश खजाना लूटने से उन्हें आवश्यक धन मिलेगा, जिससे वे हथियार और अन्य संसाधन जुटा सकेंगे।
इस घटना में क्रांतिकारियों ने ट्रेन लूटने में सफलता प्राप्त की, लेकिन बाद में उन्हें पकड़ लिया गया। इससे क्रांतिकारियों की गतिविधियों पर ब्रिटिश हुकूमत का ध्यान गया।
अदालत में साहस: इस कांड के बाद पकड़े गए क्रांतिकारियों ने अदालत में साहस का परिचय देते हुए अपने कार्य को सही ठहराया और ब्रिटिश शासन का विरोध किया।
फांसी की सजा: इस घटना में शामिल कई क्रांतिकारियों को ब्रिटिश सरकार ने फांसी की सजा दी, जिसमें राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी प्रमुख थे।
देशभक्ति का परिचय: काकोरी कांड ने पूरे देश में क्रांतिकारियों के प्रति सम्मान और समर्थन की भावना को प्रबल किया। लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम के महत्व को समझा और इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित हुए।
राष्ट्रीय चेतना: इस घटना ने भारत के युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का संचार किया और उन्हें यह सिखाया कि स्वतंत्रता केवल बातचीत से नहीं, बल्कि संघर्ष और बलिदान से प्राप्त की जा सकती है।
इतिहास में अमर: काकोरी कांड भारतीय इतिहास में एक अमर घटना है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी पक्ष को प्रबल किया और आज भी यह घटना हमें देशभक्ति और साहस की प्रेरणा देती है। kakori Shaurya Gatha train action mahotsav9
काकोरी कांड भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक ऐसा अध्याय है, जिसने न केवल ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी, बल्कि पूरे भारत में स्वतंत्रता की ज्वाला को और अधिक प्रज्वलित किया। kakori Shaurya Gatha train action mahotsav9
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