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सफ़ेद गिडार / वाइट ग्रब कोलियोपटेरा गण का कीट है ,इसका वैज्ञानिक नाम होलोट्रोचिआ सिराटा, होलोट्रोचिआ कोनसांगिनी है .यह मिट्टी में रहने वाला बहुभक्षी कीट है जो मिट्टी के कार्बनिक पदार्थो को अपने भोजन के रूप में ग्रहण करता है .यह अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग नामो से जाना जाता है, जैसे सफ़ेद गिडार, गोबर कीड़ा ,गोबरिया कीड़ा आदि वैज्ञानिक रूप से इसे वाइट ग्रब या सफ़ेद लट कहते है|
आमतौर पर किसान गोबर अथवा कम्पोस्ट की खाद अन्य स्थानों से खेत में लाते है इस प्रकार कच्ची खाद में / बिना अच्छी तरह सड़ी हुई खाद में ये कीट आमतौर पर रहता है |White grub control insecticide 2024
इनके जीवन-चक्र में चार अवस्थायें अण्डा, लट, प्यूपा तथा मूंग मिलती हैं।
वाइट ग्रब मई के मध्य या बाद में अच्छी बारिश के बाद शाम के समय (शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक) मिट्टी से निकलता हैं । वाइट ग्रब की होलोट्रोचिआ कोनसांगिनी प्रजाति 76-96 दिनों में अपने जीवन चक्र को पूरा करती है जबकि होलोट्रोचिआ सिराटा प्रजाति का जीवन चक्र 141 से 228 दिन में पूर्ण होता है White grub control insecticide 2024 अण्डा होलोट्रीकिया कन्सैग्विनिया के मूंग मानसून अथवा मानसून पूर्व मध्य मई और उसके बाद होने वाली लगभग 25 मिमी बरसात के पश्चात् भूमि से निकलते हैं।
बरसात के फलस्वरूप ये भंग नहीं निकलते क्योंकि इस अवधि तक ये यौन परिपक्व नहीं होते। भूगों के निकलने के पश्चात् ही सहवास प्रारम्भ हो जाता है तथा सहवास के 2-3 दिन पश्चात् मादा से अंडा देना प्रारम्भ हो जाता है। अण्डे एक-एक करके मिट्टी में 10-15 सेमी० गहराई में दिए जाते हैं। अण्डावस्था 7-10 दिनों की होती है
दिखाई देने का समय : व्हाइट ग्रब बारिश के मौसम की पहली वर्षा से शाम 07:30 बजे मृदा से निकल कर सुबह 5 बजे तक दिखाई देने लगता है जो कि केवल अंधेरे में आते हैं।
दिखाई देने का स्थान: व्हाइट ग्रब अधिकतर रातो में नीम, बेर, शीशम, शहतूत, बबूल के पेड़ों पर पत्ते खाते एवं प्रजनन करते दिखाई देते हैं।
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